जी हाँ, अभी पिछले दिनों ही पार्टी पहले ध्रुव की चर्चा शहला मसूद हत्या कांड में सुन चुकी है. बड़ी मुश्किल से पहले वाले से छुटकारा मिल पाया था कि अब दूसरा नाम उछल गया है. परेशानी यह है कि जिस दिन संध के मुखिया भोपाल में मौजूद थे उसी दिन यह खुलासा मध्य प्रदेश की ए. टी एस. ने किया कि उसने देश द्रोह के आरोपों में 11 हिन्दू युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. कम से कम दो युवा बी जे पी से भी जुड़े हुए हैं.
आतंकियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी थी कि वह इस पार्टी से जुड़े लोगों का ध्यान रख रहे हैं.
आतंकियों के जाल की जानकारी मिलना काफी चौंकाने वाली बात है.
देश के साथ गद्दारी करना किसे भी पसंद नहीं है. मुझे तो लगता है कि यह सब कुछ साजिशों के आधार पर किया गया है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री को नीचा दिखाया है. लेकिन अब तक वह चुप हैं.
मेरे पास मीडिया की खबरों के मुताबिक इस पर कई सवाल हैं
1. जब संघ प्रमुख राज्य के दौरे पर भोपाल में थी तब ही यहाँ खुलासा क्यों होता है ? क्या ए टी एस को दिल्ली से आदेश दिए जा रहे थे ? किसके कहने पर यह हुआ ?
2. क्या मुख्यमंत्री को मालूम नहीं होता है कि मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से पार्टी के लिए फंड इक्ट्ठा किया जाता है और यह काम पार्टी के लिए अाई टी सेल के लोगों के साथ मिलकर किया जाता है ? तो फिर उनको बचाया क्यों नहीं मुख्यमंत्री जी ने ?
3. क्या यह युवा पार्टी को चूना लगा रहे थे जिस वजह से पकड़ा दिया गया है ?
यही तय समझिये कि कहीं न कहीं पार्टी में गड़बड़ हो गई है. दिल्ली की बी. जे पी. अब भोपाल की बी जे पी के खिलाफ कार्रवाई करने लगी हैं.
गुटबाजी की बदौलत ही ग्वालियर के प्रमुख दोषियों को पकड़ लिया गया है.
दूसरी ओर संघ के अध्यक्ष के समक्ष मुख्यमंत्री को नीचा दिखाने के लिए यह कांड हुआ है.
केन्द्र से अपेक्षित मदद, योजना के लिए एवं गैर योजना, की राशि नहीं मिल रही है. संघ के साथ जुड़ी संस्थाओं में भी काम करने के लिए फंड की कमी की चर्चा है. जब केन्द्रीय मदद रुकी हुई सी है तब यह तर्क भी दिया जा रहा है कि मुख्यमंत्री को बदलो तो राज्य की मदद बढ़े. प्रदेश में आतंकवाद से संबंधित जुड़ी यह पहली बार है जब राज्य की ए. टी. एस. ने ही हिन्दू युवकों को गिरफ्तार किया है.
मार्च तक तो स्थिति साफ हो जायेगी कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बदलना है या नहीं.
तब तक हम दूसरे ध्रुव के बारे में पढ़ते रहेंगे...