2012 वर्ष तो ये चला अपने घर।
आप बतायें की इस में आप को क्या मिला ?
मुझे तो
एक डरा हुआ राष्ट्र ,
गुमराह नौजवां और
असंवेदनशील नौकरशाह
मिले इस वर्ष में।
हिन्दी में लिख्नना कठिन तो है लेकिन नामुमकिन नहीं,
सो अब मैं हिन्दी में भी पोस्ट किया करूंगा।
आप को हिन्दी कि लिखावट में मेरा यह ब्लाग पोस्ट करना
कैसा लगा ?
आप मुझे अवश्य बताईएगा,
जय हिन्द,
जय किसान,
जय जवान,
31 दिसम्बर, 2012 को शाम के छ बजे अब आज इतना ही,
आपका मित्र ,
परवेज़ अमीर,
होशंगाबाद
एवं
बैतूल,
मध्य प्रदेश,
भारत ।
No comments:
Post a Comment